40+ 2 Line Gulzar Shayari [2023] | गुलज़ार शायरी हिंदी में

दोस्तों आज हम आपके लिए 2 line gulzar shayari In Hindi में लेकर आये है जो आपको बहुत पसंद आएगी। जुलजार साहब अपने समय के एक प्रसिद्ध लेखक, कवि तथा गायक थे। जुलजार साहब ने जय हो गीत के लिए ऑस्कर का खिताब भी जीता था। भारत सरकार द्वारा 2004 में इन्हें पद्म भूषण सम्मान दिया गया। आज हम इन्ही की कुछ प्रसिद्ध शायरी लेकर आये है। जो आपके जीवन को एक नई दिशा देगी तो चलए शुरू करते है –

2 Line Gulzar Shayari In Hindi

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता
2 Line Gulzar Shayari

आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई।
बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती।
बिगड़ैल हैं ये यादे,
देर रात को टहलने निकलती हैं।
जरा ये़ धुप ढ़ल जा़ए ,तो़ हाल़ पू़छेंगे ,
य़हाँ कु़छ सा़ये , खुद़ को खुदा ब़ताते है़।
2 Line Gulzar Shayari

वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
मोहब्बत और इज़्ज़त इतनी मत देना
कि वो आपकी कदर ही भूल जाये
2 Line Gulzar Shayari

वफ़ा भी तुमसे, खफा भी तुमसे और
नसिब रहा तो निकाह भी तुमसे
आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद

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हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
हम तो अब याद भी नहीं करते, 
आप को हिचकी लग गई कैसे? 
2 Line Gulzar Shayari

वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं।
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में, 
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।
सहमा सहमा डरा सा रहता है, 
जाने क्यूं जी भरा सा रहता है।
हँसता तो मैं रोज़ हूँ, 
मगर खुश हुए ज़माना हो गया।
2 Line Gulzar Shayari

सहर न आई कई बार नींद से जागे
थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।
2 Line Gulzar Shayari

एक वक़्त है जो अकेला गुजरता नहीं, 
एक वक़्त है जो तेरे साथ ठहरता नहीं
लोग भी कमाल करते है, 
जबाब जानते हुए भी सवाल करते है
मुझे छोड़ कर वो खुश है तो सिकायत केसी, 
अब्ब मैं उससे खुश ना देखु तो मोहबात केसी
वो दौर भी आया सफर मै, 
जब मुझे अपनी पसंद से भी नफरत हुई
40+ 2 Line Gulzar Shayari

लोग कहते है की खुश रहो 
मगर मजाल है की रहने दे
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, 
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं

2 Line Gulzar Shayari Motivational

इतनी सी जिंदगी है, पर ख्वाब बहुत है, 
जुर्म तो पता नही साहब पर इल्ज़ाम बहुत है। 
2 Line Gulzar Shayari

सच को तमीज ही नही बात करने की,
झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है.
बहुत गजब का नजारा है, इस अजब सी दुनिया का,
लोग बहुत कुछ बटोरने में लगे हैं, खाली हाथ जाने के लिए।
खामोशी से भी नेक काम होते हैं,
मैंने देखा है, पेड़ों को छांव देते हुए।
संघर्ष में आदमी अकेला होता है
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है
गुलज़ार शायरी हिंदी में

ख़ामोशी से अपनी पहचान बनाते रहो
वक्त खुद बताएगा तुम्हारा नाम
वादा है मेरा मेरी आलोचना करने वालों से
उन्हें मेरी तारीफ करने का मौका अवश्य दूंगा

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आदतें बदल जाया करती है अक्सर, 
ढूढो उसे जो लत बन सके तुम्हारी।
होंठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था, 
सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था।
2 Line Gulzar Shayari

इतना क्यों सिखाई जा रही हो जिंदगी, 
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां ।
अकेले चलना सीख लो जरूरी नही है जो आज आपके साथ है, 
वह कल भी आपके साथ‍ रहेगा।
धूप में बाप और चूल्हे पर मां जलती है, 
तब कही जाकर औलाद पलती है। 
गुलज़ार शायरी हिंदी में

क्या दौर है साहब इंसान जीना भूलकर, 
जिंदा रहने का शुक्र मना रहा है

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